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जासूस काम कैसे करते हैं और उनके काम करने का तरीका क्या है

News18 Hindi – 11-july-2017
जासूस का नाम सुनते ही सिर पर काला हैट डाले, काली कोट-पैन्ट पहने और हाथ में सिगार थामे एक नपी-तुली तस्वीर एक झटके में सामने उभर आती है. दीवार की ओट से झांकता, कार का पीछा करता और बंद मकान की खिड़की से घर में दाखिल होने वाले किरदार दिमाग को बरबस भन्ना जाते हैं. जी हां, हम जासूस और जासूसों की दुनिया के बारें में बात कर रहे हैं, जो हमारी, आपकी और दुनिया की जासूसी करते फिरते हैं. जरुरी नहीं हैं कि जासूस ऊपर उकेरे गए किरदारों में ही हमारे सामने आए. जासूस प्रायः दो तरह के होते हैं. इनमें एक वह जो घरेलू मामलों को निपटाते हैं, दूसरे वह जो देसी और विदेशी मामलों के लिए नियुक्ति होते हैं. लेकिन जासूसों को लेकर एक पहला सवाल जो जह्न में आता है वह यह कि जासूस काम कैसे करते हैं और उनके काम करने का तरीका क्या है?

डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाले बताते हैं कि हर महीने में उनके पास 20 केस आ रहे हैं. इनमें 12 से 14 केस रिश्तों की जासूसी को लेकर होते हैं. इस तरह के केस में सभी तरह के रिश्ते शामिल होते हैं. जैसे पति कामकाजी पत्नी की जानकारी चाहता है. पत्नी कामकाजी पति के बारे में जानना चाहती है.

मां-बाप कॉलेज जाने वाली बेटियों पर निगाह रखने के लिए जासूसों को हायर करते हैं. तो बेटों की फ्रेंड सर्किल को जानने-समझने के लिए भी मां-बाप जासूसों पर निर्भर हो गए हैं. मसलन, बेटा घर के बाहर क्या खाता-पीता है. कहां-कहा घूमने जाता है. किस तहर के लोगों से मिलता है, बेटे की गर्लफ्रेंड है तो उसका स्टेटस क्या है..ब्लॉ ब्लॉ..ब्ला…यहां तक कि गर्लफ्रेंड अपने ब्वॉयफ्रेंड की और ब्वॉयफ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड पर नजर रखने के लिए भी प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद ले रहे हैं.

बेटी बॉयफ्रेंड के साथ तो नहीं…बेटा नशा तो नहीं करता?:MP में बच्चों की जासूसी करा रहे माता-पिता; डिटेक्टिव से रखवा रहे नजर

दैनिक भास्कर Hindi      June Month

फिल्मी दुनिया व कहानी-किस्सों से निकलकर अब प्राइवेट जासूसी का ट्रेंड एमपी में भी देखने को मिल रहा है। पहले पति-पत्नी के बाहरी अफेयर की जासूसी के मामले ज्यादातर सुनने मिलते थे, लेकिन अब पेरेंट्स अपने बच्चों के पीछे भी डिटेक्टिव लगा रहे हैं। ट्यूशन और कोचिंग के नाम पर निकला उनका बच्चा कहीं और तो नहीं जा रहा है, उसकी संगत कैसी है? ऐसे मामलों में ज्यादातर टीनएजर्स और कॉलेज स्टूडेंट के माता-पिता प्राइवेट डिटेक्टिव से नजर रखवा रहे हैं।

पेरेंट्स को आशंका है कि कहीं उनकी बेटी अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूम तो नहीं रही है, उनका बेटा किसी तरह का ड्रग्स व नशा तो नहीं ले रहा है, इसका पता लगवा रहे हैं। उनके दोस्त कैसे हैं, इसकी जानकारी भी जुटा रहे हैं। इसके अलावा लड़की-पत्नी के मिसिंग मामलों और देश के बड़े शहरों व विदेशों में रहने वाले लोगों की जानकारी-सुराग भी प्राइवेट डिटेक्टिव के माध्यम से जुटाई जा रही है।

 

देहरादून में मिले नोएडा से गायब पूर्व आईएएस रमाशंकर

नोएडा से गायब उत्तर प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी रमाशंकर यहां वसंत विहार क्षेत्र में निवास कर रहे थे। परिजनों ने नोएडा में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। शनिवार को निजी जासूसी एजेंसी की मदद से पुलिस ने उन्हें तलाश लिया। हालांकि, पूर्व आईएएस ने परिवार के साथ जाने से इनकार कर दिया।

वसंत विहार पुलिस के अनुसार, शनिवार सुबह एक घर में कुछ लोगों के बीच विवाद की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस को लोगों ने बताया कि पूर्व नौकरशाह रमाशंकर यहां एक महिला के साथ रह रहे हैं। काफी समय पहले वह घर से गायब हो गए थे। नवंबर 2017 में उनके परिजनों ने नोएडा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। तब पुलिस ने उन्हें तलाश लिया था। कुछ दिन बाद वह फिर गायब हो गए। परिजनों ने उन्हें तलाशने के लिए पुलिस के साथ ही निजी जासूसी एजेंसी की भी मदद ली।

वसंत विहार थानाध्यक्ष हेमंत खंडूड़ी ने बताया कि पूर्व नौकरशाह ने परिजनों के साथ जाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मर्जी से यहां रह रहे हैं। जब उनका मन करेगा, वह खुद घर चले जाएंगे। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने परिजनों को समझाया कि वह जबरदस्ती उन्हें अपने साथ नहीं ले जा सकते। पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया।